राजाजी टाइगर रिजर्व के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। वन्यजीवों के संरक्षण में अहम योगदान के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व के रेंजर महेंद्र गिरी को आईयूसीएन-डब्ल्यूसीपीए इंटरनेशनल रेंजर अवॉर्ड प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार पाने वाले महेंद्र गिरी पूरे एशिया महाद्वीप में इकलौता रेंजर हैं।
आईयूसीएन-डब्ल्यूसीपीए की ओर से वन्यजीवों के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इंटरनेशनल रेंजर फेडरेशन, ग्लोबल वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन और कंजर्वेशन एलाइज के सहयोग से दिए जाने वाले इस पुरस्कार के लिए दुनिया के 43 देशों के 630 टाइगर रिजर्व के 630 रेंजर और वनकर्मियों ने दावेदारी की थी। सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद पूरे एशिया महाद्वीप में रेंजर महेंद्र गिरी को चयनित किया गया।
टाइगर रिजर्व निदेशक डीके सिंह ने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। पुरस्कार के तौर पर दस हजार डॉलर की राशि के साथ प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। संस्था की ओर से सम्मानित रेंजर को विशेष प्रकार की वर्दी प्रदान की जाएगी। निदेशक डीके सिंह ने बताया कि संस्था की ओर से जो पुरस्कार राशि दी जाएगी, उससे वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर उपकरणों की खरीद के साथ ही कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर भी खर्च किया जाएगा।
टाइगर रिजर्व में बढ़ी चौकसी
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन सतर्क हो गया है। निदेशक डीके सिंह ने कोरोना से बचाव को लेकर अधिकारियों, कर्मचारियों को एडवाइजरी जारी की है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी प्रवेश द्वारों पर पर्यटकों की थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही टाइगर रिजर्व में प्रवेश करने दिया जाए। शारीरिक तापमान मानक से अधिक होेने पर पर्यटक को प्रवेश की अनुमति ना दी जाए। पर्यटकों को सफारी कराने वाली गाड़ियों को भी प्रतिदिन सैनिटाइज कराया जाए।
बिना मास्क किसी को प्रवेश न करने दिया जाए। कर्मचारियों को भी निर्देशित किया गया है कि वे मास्क लगाने के साथ दस्ताने पहनें और हाथों को सैनिटाइज करते रहें। अधिकारियों, कर्मचारियों को पर्यटकों से निश्चित दूरी बनाए रखने भी हिदायत दी गई है।
उधर, कोरोना के मामले दोबारा बढ़ने के साथ ही टाइगर रिजर्व में सफारी करने वाले पर्यटकों की संख्या में भी कमी आई है। अब रोजाना औसतन 10 फीसदी पर्यटक कम पहुंच रहे हैं।