देहरादून।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी ने सूबे की मातृशक्ति को एक शानदार सौगात दी है। कुंभ के मुख्य पर्व दिवसों पर यहां महिलाओं को उत्तराखंड परिवहन की बसों मेें मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी। मातृशक्ति के सम्मान की दिशा में मुख्यमंत्री जी का यहा कदम बेहद अहम है।
इन दिनों देवभूमि की धर्मनगरी में महाकुंभ की धूम है। बड़ी तादाद में देश विदेश के श्रद्धालू यहां पुण्य लाभ के लिए पहुंच रहे हैं। संतों के अखाड़ों का वैभव यहां की रौनक बढ़ा रहे हैं। सरकार के बेहतर प्रबंधन में संचालित हो रहे इस भव्य आयोजन में गंगा मैया के जयकारों व मंत्रोच्चार से धर्मनगरी गुंजायमान हो रही है। कुंभ का विशेष महत्व होता है। इस दौरान यहां बड़ी तादाद में श्रद्धालू स्नान के लिए पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर हरिद्वार आने वाली महिलाओं के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में आवाजाही की निशुल्क सुविधा दी जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूर्णागिरी में आने वाली महिलाओं को भी बसों में आवाजाही की निशुल्क सेवा उपलब्ध रहेगी।
सृष्टि के संचालन के दो प्रमुख आधार हैं, जो एक-दूसरे के पूरक हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण आधार है, मातृशक्ति तथा मातृशक्ति का भाव। मातृशक्ति की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन किसी समाज का आईना होता है। साथ ही किसी समाज की सभ्यता और संस्कार का मानक भी। ऐसा समाज ही आदर के योग्य होता है। मातृशक्ति का सम्मान हमारी परम्परा रही है। स्मृतियों में भी कहा गया है ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: क्रिया:।।’ (जहां स्त्रियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं और जहां स्त्रियों की पूजा नहीं होती, उनका सम्मान नहीं होता, वहां किए गए समस्त अच्छे कर्म निष्फल हो जाते हैं)