जम्मू : राज्यसभा के कार्यकाल से सेवामुक्त होने के बाद पहली बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद शुक्रवार को जम्मू पहुंचे थे। वहीं शनिवार को जम्मू संभाग के सैनिक कालोनी स्थित सैनिक फार्म में शांति सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इसमें गुलाम नबी ने कहा कि जम्मू हो या कश्मीर और या फिर लद्दाख हम सभी धर्मों, लोगों और जातियों का एक ही तरह से सम्मान करते हैं। यही हमारी ताकत है और इसे हमेशा ऐसे ही जारी रखा जाएगा। आजाद ने कहा कि राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं। साथ ही मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं।
शांति सम्मेलन में कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि लोग कहते हैं जी-23 पर मेरा मानना है कि यह गांधी-23 है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ ही इस देश का कानून और संविधान बना। इस सोच को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ खड़ी है।
इसके बाद कार्यक्रम में कपिल सिब्बल ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सच ये है कि हम कांग्रेस पार्टी को कमजोर होते देख रहे हैं। यही वजह है कि आज हम यहां इकट्ठा हुए हैं। हमारा उद्देश्य एक साथ होकर पार्टी को मजबूत करना है।
गुलाम नबी आजाद के अनुभव और भूमिका पर सिब्बल ने कहा कि उन्हें उस इंजीनियर के रूप में जाना जाता है जोकि विमान उड़ाने के साथ ही खराबी का पता लगाने और उसकी मरम्मत करने में साथ देता है। सिब्बल ने कहा कि आजाद ऐसे नेता हैं जो हर राज्य के हर जिले में कांग्रेस की जमीनी हकीकत जानते हैं। आजाद को दोबारा राज्यसभा न भेजे जाने के फैसले पर भी सवाल उठाया। कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि कांग्रेस उनके अनुभव का उपयोग क्यों नहीं कर रही है।
इसके बाद वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने राज्य सभा में जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधित्व पर बोलते हुए कहा कि 1950 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब संसद के उच्च सदन में केंद्र शासित प्रदेश का कोई प्रतिनिधि नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में कांग्रेस कमजोर हुई है। हमारी आवाज पार्टी के उज्जवल सियासी भविष्य के लिए है। नई पीढ़ी को पार्टी से जुड़ना चाहिए। शर्मा ने कहा कि हमने पार्टी के अच्छे दिन देखे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर हम पार्टी को कमजोर होते हुए नहीं देखना चाहते।
उन्होंने कहा कि हम गुलाम नबी के साथ है। कांग्रेस हमारी पहचान है। हम कांग्रेस की ताकत और एकता में विश्वास करते हैं। आज हम जहां हैं, यहां तक पहुंचने के लिए हम सभी ने बहुत लंबी दूरी तय की है। तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि हमारे बीच कोई भी खिड़की से नहीं आया है, हम सभी दरवाजे से चले हैं। हम छात्रों और युवा आंदोलन के माध्यम से यहां तक आए हैं।
आजाद के साथ पार्टी के व्यवहार से भी नाराजगी
राज्यसभा से सेवानिवृत्त गुलाम नबी आजाद के साथ पार्टी की ओर से किए गए व्यवहार से भी जी-23 से जुड़े लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि इतने वर्षों तक कांग्रेस में रहने के बाद भी कांग्रेस हाईकमान ने दोबारा उन्हें मौका नहीं दिया। प्रधानमंत्री तक ने उन्हें सम्मान दिया लेकिन अपनी पार्टी ने कोई सम्मान नहीं दिया। राबर्ट वाड्रा का केस लड़ रहे वकील को राज्यसभा का सदस्य बना दिया गया। मल्लिकार्जुन खडगे को राज्यसभा में विपक्ष का नेता जी-23 के वरिष्ठ सदस्यों की अनदेखी करते हुए बना दिया गया।
इससे पहले आजाद शुक्रवार को शहीदी चौक स्थित प्रदेश कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में नेताओं और कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए थे। इस दौरान आजाद ने कहा कि वह 42 साल तक पार्टी में कई अहम पदों पर रहे और 18-18 घंटे तक काम किया। सोनिया गांधी से मुझे फिर से महासचिव न बनाने को कहा था। उन्होंने पूर्व सांसद मदन लाल और मोहम्मद शरीफ नियाज को याद किया।