हाइलाइट्स:
- पाकिस्तान को कर्ज से लादने वाले इमरान खान के पास अपनी रेल को दौड़ाने के लिए पैसा नहीं है
- हालत यह है कि पाकिस्तान रेलवे अपने कर्मचारियों को सैलरी और पेंशन नहीं दे पा रही है
- इमरान खान का यह ‘नया पाकिस्तान’ अब भारत के डिब्बों से अपनी रेल दौड़ाने में जुटा हुआ है
इस्लामाबाद
पाकिस्तान के हर नागरिक के ऊपर 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज लादने वाले इमरान खान के पास अपनी रेल को दौड़ाने के लिए पैसा नहीं है। हालत यह है कि पाकिस्तान रेलवे अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रही है और उसे निजीकरण करने को मजबूर होना पड़ा है। यही नहीं इमरान खान का यह ‘नया पाकिस्तान’ अब भारत के डिब्बों से अपनी रेल दौड़ाने में जुटा हुआ है।
पाकिस्तान समझौता एक्सप्रेस की 21 बोगियों का पिछले डेढ़ साल से इस्तेमाल कर रहा है और कई बार मांगने के बाद भी इन बोगियों को वापस नहीं कर रहा है। दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता ऐक्सप्रेस 7 अगस्त, 2019 को अंतिम बार पाकिस्तान के लिए रवाना हुई थी। जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य दर्जा खत्म किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2019 को समझौता एक्सप्रेस को बंद कर दिया गया था।
डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी 21 बोगियों को पाकिस्तान लौटा नहीं रहा
इसकी वजह से समझौता एक्सप्रेस के 11 कोच पाकिस्तान में फंस गए हैं और एक भारतीय मालगाड़ी भी पाकिस्तान में रह गई है। इस मालगाड़ी में 10 डिब्बे लगे हैं। इस मालगाड़ी को सामान के साथ पाकिस्तान भेजा गया था। डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी इन 21 बोगियों को पाकिस्तान लौटा नहीं रहा है। भारत की ओर से पाकिस्तान को इस बारे में कई बार रिमाइंडर भेजे गए हैं लेकिन उसके कानों पर जूं नहीं रेंग रही है।
पाकिस्तान के बड़बोले मंत्री शेख रशीद ने कश्मीर का विशेष राज्य दर्जा खत्म किए जाने के बाद ऐलान किया था कि समझौता एक्सप्रेस को बंद किया जाता है। शिमला समझौते के बाद 22 जुलाई 1976 को पहली बार इस रेल सेवा को शुरू किया गया था। पहले यह रेल सेवा अमृतसर से लाहौर के बीच चलती थी लेकिन बाद में इसे अटारी और लाहौर के बीच चलाया जाने लगा।