अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद ख़तरनाक बताया जा रहा है। हवाई यात्राएं चालू रहीं तो भारत में भी ये तीसरी लहर के रूप में आ सकता है। केंद्र सरकार सिंगापुर से हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद करे।
नई दिल्ली,
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार ने गुजारिश की है कि सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद की जाएं। इसके पीछे सीएम अरविंद केजरीवाल ने तर्क दिया है कि सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद ख़तरनाक बताया जा रहा है। सिंगापुर और भारत के बीच हवाई यात्राएं चालू रहीं तो ऐसे में भारत में भी ये कोरोना वायरस का नया वेरिएंट तीसरी लहर के रूप में आ सकता है। ऐसे में केंद्र सरकार से मेरी अपील है कि सिंगापुर से हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद की जाएं। इसके साथ ही बच्चों के लिए भी वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता के आधार पर काम हो।
बता दें कि सिंगापुर में कोरोना वायरस संक्रमण के नए वेरिएंट के मद्देनजर वहां की सरकार स्कूलों को बंद करने की घोषणा कर चुकी है और ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गई है। सिंगापुर पहले ही चेतावनी जारी कर चुका है कि भारत में पहली बार पाया गया कोरोना वायरस का वेरिएंट बच्चों पर बुरा असर डाल सकता है। ऐसे में सिंगापुर सरकार ने स्कूलों को बंद करने के साथ ही युवाओं को तेजी से वैक्सीन देने की योजना भी तैयार की है।
वहीं, सिंगापुर की सरकार ने सभी प्राइमरी, जूनियर और सेकेंडरी स्कूलों को 28 मई तक के लिए पूरी तरह से बंद करने का एलान भी एहतियात के तौर पर किया गया है। सिंगापुर के शिक्षा मंत्री चान चुन सिंग के मुताबिक, वायरस के तेजी से सामने आते वेरिएंट बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं और ये इन बच्चों पर हमला कर सकते हैं।
वहीं, इससे पहले सरकारी स्कूल के गरीब बच्चों के लिए चिकित्सा सुविधाओं के साथ आइसाेलेशन केंद्र स्थापित करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लेकर केंद्र व दिल्ली सरकार निर्णय करें। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के मख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि महात्मा हजारीलाल मेमोरियल ट्रस्ट की याचिका पर कानून व नियम के तहत निर्णय लिया जाए।
ट्रस्ट ने याचिका में दावा किया गया है कि यह अधिकांश आबादी इस नियम काे लागू करने में नाकाम साबित हो रही है, क्योंकि सभी के पास कोरोना संक्रमित सदस्यों को अलग रखने के लिए कमरा नहीं है। याचिका में बच्चों के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन सुविधाओं और आइसोलेशन केंद्र बनाने की मांग की गई है। याचिका के अनुसार, चिकित्सा विशेषज्ञों की राय को ध्यान में रखा जाए तो महामारी की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चे ही प्रभावित हो सकते हैं।
वहीं, होम आइसोलेशन नीति के तहत संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखा जाना चाहिए जिसमें शौचालय की सुविधा हो, ताकि परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उनका संपर्क कम से कम हो। साथ ही संक्रमित व्यक्ति की देखभाल के लिए भी एक व्यक्ति होना चाहिए, लेकिन निम्न मध्यम वर्ग के लोगों के पास अलग से कमरा की सुविधा नहीं है। इसके कारण ही ज्यादा से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। यही वजह है कि शहर के अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और परिवार के सदस्यों की भी समस्या बढ़ी है।