उत्तर-प्रदेश :
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसवालों पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी जेल की सलाखों के पीछे अब टूटने लगा है। जेल की बैरक में वह पूरी रात बेचैन रह रहा है। अब उसे अपने परिवार की याद आ रही है। वह जेलर से परिवार वालों से मुलाकात या फोन पर कराने की गुहार लगा रहा है। जेल प्रशासन के मुताबकि डीएम की परमिशन मिलने के बाद ही उसकी किसी से मुलाकात या बात कराई जा सकती है। उधर, शनिवार को जेल प्रशासन ने चेकअप के लिए जिला अस्पताल भेजा।
टूटे हाथ का ऑपरेशन होने के बाद शुक्रवार को मुर्तजा को वापस जेल भेज दिया गया। जेल से लेकर अस्पताल तक उससे मिलने परिवार का कोई भी सदस्य नहीं पहुंचा तो अब उसकी आंखें छलकने लगीं। हाथ टूटे होने की वजह से वह अपने व्यक्तिगत काम भी नहीं कर सकता। हालांकि, जेल में डॉक्टरों की टीम लगातार मुर्तजा का चेकअप कर रही है और उसकी मदद के लिए जेल के बंदी रक्षक लगाए गए हैं। शुक्रवार को जेल लौटने के बाद मुर्तजा देर रात तक अपने बैरक में काफी बेचैन दिखा। वह पूरी रात सो तक नहीं सका।
इस दौरान जेल प्रशासन ने उसकी बेचैनी देख जेल डाक्टरों से उसका चेकअप कराया। इस दौरान हालांकि उसका ब्लड प्रेशर बिलकुल नार्मल मिला। लेकिन वह डॉक्टर से लेकर जेल अधिकारियों तक से लगातार एक ही गुहार करता रहा कि उसे अब अपने परिवार वालों से मिलना है। मुर्तजा ने जेलर प्रेमसागर शुक्ला से अपने घर पर जेल के पीसीओ से बात कराने के लिए भी कहा। जेलर प्रेमसागर शुक्ला ने इस बाबत बताया कि डीएम अगर परमिशन देते हैं तो बात कराई जाएगी अन्यथा मुलाकात या बातचीत कुछ नहीं हो सकती।
जिला अस्पताल में कराया गया मुर्तजा का चेकअप
मुर्तजा की बेचैनी देख जेल प्रशासन ने शनिवार को उसे एक बार फिर चेकअप के लिए जिला अस्पताल भेजा। वहां उसके हाथ का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर ने चेकअप कर उसकी ड्रसिंग की। चेकअप के दौरान सबकुछ सामान्य रहा। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच उसे वापस जेल में दाखिल कर दिया गया।