Breaking News
टाइफाइड में जल्दी ठीक होने के लिए क्या खाना चाहिए? जानिए किन चीजों से करें परहेज
चारों धामों में हुई सीजन की पहली बर्फबारी, निचले इलाकों में बारिश होने से बढ़ी ठंड
टीबी जांच को डोर टू डोर जाएगी मोबाइल टेस्टिंग वैन- डॉ धन सिंह रावत
पुष्पा 2 की आंधी में 300 करोड़ से चूके रूह बाबा और बाजीराव सिंघम
सीएम धामी ने उखीमठ से शीतकालीन यात्रा का किया शुभारंभ
ऑस्ट्रेलिया ने भारत को दूसरे टेस्ट मुकाबले में 10 विकेट से हराया
सीएम धामी ने विभिन्न विकास योजनाओं के लिए की धनराशि स्वीकृत 
अहम फैसला- उत्तराखण्ड में खुलेंगे चार नए केंद्रीय विद्यालय
सर्दियों में रोजाना खाएं अमरूद, इन बीमारियों से रहेंगे दूर

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति भवन में हुआ शपथ ग्रहण समारोह

नई दिल्ली। भारत के सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 11 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का कार्यकाल मुख्य न्यायाधीश के रूप में छह महीने का रहेगा।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में उनके नाम का प्रस्ताव किया था। चंद्रचूड़ 9 नवंबर, 2022 से अपनी सेवा देने के बाद 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए हैं।

कौन हैं संजीव खन्ना?
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का जन्म 14 मई, 1960 को हुआ। उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ वकील के रूप में अपना कानूनी करियर शुरू किया। उन्हें संवैधानिक कानून, कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून और पर्यावरण कानून का व्यापक अनुभव है। उनके पिता न्यायमूर्ति देस राज खन्ना दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे, जबकि उनकी मां सरोज खन्ना दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरर थीं।

करियर में प्रमुख उपलब्धियां
2004 में उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का स्थायी वकील (सिविल) नियुक्त किया गया।
2005 में न्यायमूर्ति खन्ना को दिल्ली उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया।
2006 में वे स्थायी न्यायाधीश बने।
18 जनवरी, 2019 को न्यायमूर्ति खन्ना सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए।

महत्वपूर्ण फैसले
न्यायमूर्ति खन्ना ने अपने करियर में कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी, जिससे केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार करने का अवसर मिला। इसके अलावा, एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में न्यायमूर्ति खन्ना ने पीएमएलए के तहत जमानत देने के आधार के रूप में कार्यवाही में देरी को एक वैध आधार माना था। यह फैसला दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जुड़े एक मामले में दिया गया था।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का यह कार्यकाल न्यायपालिका और संवैधानिक मामलों में नए दृष्टिकोण और योगदान के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top