उत्तराखंड, देहरादून :
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसौनी ने राज्य सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। दसोनी ने कहा कि एक तरफ तो कोरोना की तीसरी लहर का हवाला देकर राज्य सरकार चार धाम यात्रा को लेकर कोई निर्णय नहीं ले रही है वहीं दूसरी ओर अपनी चुनावी यात्राओं का आगाज कर चुकी है। दसोनी ने कहा की चार धाम यात्रा प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ है।
चार धाम यात्रा से लाखों लोगों के रोजगार जुड़े हुए हैं चाहे पर्यटन व्यवसाई हो या होटल व्यवसायी सभी साल भर चार धाम यात्रा का इंतजार करते हैं और उसी दौरान होने वाली कमाई से बाकी के समय अपने परिवारों का भरण पोषण करते हैं। ऐसे में इसे राज्य सरकार की संवेदनहीनता ही कहा जा सकता है कि राज्य सरकार चार धाम यात्रा के विषय में आज भी उहा पोह की स्थिति में है।
दसोनी ने कहा कि जब सभी दल चुनावी मैदान में बिगुल फूंक चुके हैं और शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं ऐसे में बेरोजगारी का दंश झेल रहे प्रदेश के लाखों युवाओं और व्यवसायियों के साथ ही धोखा क्यों किया जा रहा है? दसोनी ने कहा कि राज्य सरकार अपने लिए अलग और जनता के लिए अलग मानक पर चल रही है।
दसोनी ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य की जनता बहुत गौर से आप की नीतियों और कार्यशैली को देख रही है जो कि हर लिहाज से जन विरोधी हैं ।दसौनी ने राज्य सरकार से अपेक्षा की कि वह संवेदनशीलता का परिचय देते हुए चार धाम यात्रा को भी सुचारू रूप से चलाएं ताकि राज्य की जनता लाभान्वित हो सके ।दसौनी ने यह भी कहा कि एक तरफ तो राज्य सरकार उत्तराखण्ड में फिल्म शूटिंग की धड़ल्ले से इजाजत दे रही है और पर्यटकों की आवाजाही पर भी कोई रोका टोकी नहीं है ऐसे में सिर्फ चार धाम पर ही सरकार की गाज क्यों गिर रही है?? दसोनी ने राज्य सरकार की नीतियों को विरोधाभासी करार करते हुए कहा कि यह राज्य सरकार की अदूरदर्शिता का ही परिणाम है कि आज राज्य का युवा खुद को हताश और निराश पा रहा है। महंगाई और बेरोजगारी का दंश इतनी गहराई तक राज्य के अंदर फैल चुका है कि आने वाले कई सालों तक इससे बाहर निकल पाना नामुमकिन हो जाएगा। दसोनी ने यह भी साफ किया चार धाम पर निर्णय सरकार ने ही लेना है।चूंकि गूंगी बहरी सरकार का जनता से कोई सरोकार नहीं है इसलिए विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस परिवर्तन यात्रा से उसकी आंखे खोलने का काम काम कर रही।