नई दिल्लीः
बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली (Imtiaz Ali) का आज जन्मदिन है. वे अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर उनके फैंस उन्हें ढेरों बधाइयां दे रहे हैं. फिल्में बनाने का उनका अपना एक अंदाज है, जो उन्हें बाकी डायरेक्टर्स से अलग करता है. आइये, आज इम्तियाज के जन्मदिन (Birthday) के मौके पर उनके निर्देशक बनने के सफर को जानें.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इम्तियाज झारखंड के जमशेदपुर में पले-बढ़े थे. वे स्कूल के दिनों में थियेटर में हिस्सा लिया करते थे. वे नाटक लिखने के साथ-साथ उन्हें डायरेक्ट भी किया करते थे. धीरे-धीरे इम्तियाज की रुचि फिल्मों में बढ़ी, लेकिन उनके घरवाले उनके फिल्म देखने के सख्त खिलाफ थे. दिलचस्प बात यह है कि वे जिस घर में रहते थे, उसकी दीवार एक टॉकीज से जुड़ी हुई थी. दरअसल, उनके फूफा के जमशेदपुर में तीन टॉकीज थे, जहां वे मना करने के बावजूद चोरी-छुपे फिल्म देखने पहुंच जाते थे.

(फोटो साभारः Instagram/imtiazaliofficial)
फूफा जी की टॉकीज होने की वजह से, उन्हें टिकट खरीदनी नहीं पड़ती थी. एक इंटरव्यू में इम्तियाज ने बताया था कि वे जिस घर में रहते थे, उसकी एक खिड़की से टॉकीज के पर्दे का एक छोटा सा हिस्सा दिखता था. एक विशेष एंगल से देखने पर फिल्म दिखाई देती थी. उन्होंने फिल्मों के शौक के चलते अपनी पढ़ाई की अनदेखी शुरू कर दी थी, जिससे वे 9वीं कक्षा में फेल हो गए थे.
इम्तियाज को घर से मिले सपोर्ट ने उन्हें कभी गिरने नहीं दिया. उनके पिता ने उन्हें सही राह पर बढ़ने के लिए प्रेरित किया, जिससे वे पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी अच्छा करने लगे. स्कूल की पढ़ाई के बाद, उन्होंने दिल्ली के हिन्दू कॉलेज में एडमिशन लिया. वे कॉलेज के ड्रामा क्लब के सदस्य बन गए. यहां से उन्होंने अपने मुंबई के सफर की शुरुआत की.
उन्होंने बतौर निर्देशक फिल्म ‘सोचा न था’ (2005) से बॉलीवुड में कदम रखा. फिल्म की काफी तारीफ हुई. इसके बाद उन्होंने करीना और शाहिद कपूर के साथ मिलकर फिल्म ‘जब वी मेट’ बनाई, जो बॉक्स ऑफिस में सुपरहिट रही और खूब सराही गई. इसके बाद आई फिल्म ‘लव आज कल’ और ‘रॉकस्टार’ ने उन्हें बॉलीवुड में स्थापित कर दिया.