पूरी दुनिया के साथ भारत और पाकिस्तान भी कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है। लेकिन दोनों में बहुत अंतर है। भारत ने अपने दम पर इसकी रोकथाम की है और वैक्सीन भी विकसित की है। वहीं पाकिस्तान फ्री की वैक्सीन के भरोसे है।
नई दिल्ली : दुनिया भर में कोविड-19 महामारी से लोगों को निजात दिलाने की कवायद शुरू हो चुकी है। लेकिन इसमें कुछ देश ऐसे हैं जो अपने दम पर इस जंग से नहीं लड़ पा रहे हैं। इन देशों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोवैक्स योजना के तहत इस महामारी की रोकथाम के लिए वैक्सीन को भेजने की शुरुआत भी हो चुकी है। घाना ऐसा पहला देश है जहां पर इस योजना के तहत डब्ल्यूएचओ ने इस वैक्सीन की पहली खेप पहुंचा दी है। कोवैक्स योजना के तहत बनी वैक्सीन का उत्पादन भारत के सीरम इंस्टिट्यूट में किया गया है। यहीं से ये खेप सीधी घाना पहुंचाई गई है। कोवैक्स योजना के तहत डब्ल्यूएचओ करीब 142 देशों में इस वैक्सीन की सप्लाई करेगा। इन देशों में एक देश पाकिस्तान भी है।
पाकिस्तान का इस लिस्ट में शामिल होना काफी दिलचस्प है। इसकी दो वजह हैं। पहली वजह है कि पाकिस्तान एक न्यूक्लियर पावर के रूप में जाना जाता है। लेकिन इस पावरफुल देश के पास अपने लोगों को महामारी से बचाने के लिए वैक्सीन खरीदने के पैसे नहीं हैं। हालांकि पाकिस्तान के मंत्री अपने यहां पर छोटे से लेकर बड़े आकार के परमाणु बम होने का दावा करने से नहीं थकते हैं। लेकिन, इस महामारी से लड़ने के लिए उसको कर्ज के पैसों का सहारा लेना पड़ा है।
फ्री की वैक्सीन पर निर्भर
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान इस महामारी से लड़ने के लिए पूरी तरह से फ्री की वैक्सीन पर निर्भर है जो उसको चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोवैक्स योजना के तहत मिलने वाली है। आपको बता दें कि पाकिस्तान को चीन अपने देश में बनी सिनोफार्म कंपनी की कोविड-19 वैक्सीन की पहले ही 5 लाख खुराक मुफ्त में मुहैया करवा चुका है। हालांकि इसके लिए पाकिस्तान को अपना विशेष विमान चीन भेजना पड़ा था, क्योंकि चीन ने इस वैक्सीन को इस्लामाबाद पहुंचाने के लिए अपने विमान की सेवा देने से साफ इनकार कर दिया था। अब पाकिस्तान इस बात पर खुश हो रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आने वाले दिनों में जिन देशों को कोवैक्स योजना के तहत वैक्सीन भेजने की घोषणा की है उसमें वो भी शामिल है।
पाकिस्तान को मिलेंगी फ्री की वैक्सीन
पाकिस्तान के अखबार द डॉन के मुताबिक पाकिस्तान कोवैक्स योजना के तहत उन देशों में शामिल है जिनको वैक्सीन की बड़ी खेप भेजी जानी है। खबर के मुताबिक डब्ल्यूएचओ इस योजना के तहत मई 2021 तक 238.4 मिलियन खुराक विभिन्न देशों को उपलब्ध कराएगा। मंगलवार को संगठन ने जो सूची जारी की है उसके मुताबिक पाकिस्तान को वैक्सीन की 4,640,000 खुराक दी जाएंगी। इसके अलावा नाइजीरिया को 13,656,000, इंडोनेशिया को 11,704,800 खुराक, बांग्लादेश को 10,908,000 खुराक, ब्राजील को 9,122,400 खुराक, इथियोपिया को 7,620,000 खुराक, कांगो को 5,928,000 खुराक, मेक्सिको को 5,532,000 खुराक, मिस्र को 4,389,600 खुराक, वियतनाम को 4,176,000 खुराक दी जाएंगी। इनके अलावा ईरान, म्यांमार, केन्या और युगांडा को तीन-तीन करोड़ खुराक भेजी जाएंगी। आपको ये भी बता दें कि कोवैक्स योजना में ज्यादातर देश वो शामिल हैं जो बेहद गरीब है और जो अपने दम पर इस वैक्सीन को विकसित या खरीद नहीं सकते हैं।डब्ल्यूएचओ की कोवैक्स योजना में भारत ने भी आर्थिक रूप से योगदान दिया है। साथ ही इस वैक्सीन का उत्पादन भी भारत में ही हो रहा है।
पीपीपी मॉडल पर आधारित है कोवैक्स योजना
विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस योजना को पब्लिक और प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मॉडल) के तहत लागू किया गया है। इस योजना में कई देशों ने आर्थिक रूप से सहयोग दिया है। इसको ग्लोबल एलाइंस फॉर वैक्सींस एंड इम्यूनाइजेशन या गावी (GAVI) का नाम दिया गया है। मंगलवार को इसके चीफ एग्जीक्यूटिव सेठ बर्कले ने कहा है कि संगठन का मकसद धरती के अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित करना है। इसके तहत संगठन जल्द से जल्द लोगों की मदद करना चाहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कोवैक्स योजना के तहत एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफॉर्ड वैक्सीन की करीब सवा करोड़ खुराक भी सप्लाई करेगा जो भारत और दक्षिण कोरिया में मैन्युफैचर हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस योजना के तहत 92 गरीब देशों की करीब 27 फीसद जनसंख्या को वैक्सीन उपलब्ध कराएगा।
कर्ज में डूबा पाकिस्तान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ ही दिन पहले देश पर कर्ज का पहाड़ बड़ा होने की बात स्वीकारते हुए बताया था कि इस कर्ज का एक बड़ा हिस्सा कोविड-19 की रोकथाम पर खर्च किया गया है। उनके मुताबिक 800 अरब डॉलर का खर्च सरकार को इस पर करना पड़ा है। दो दिन पहले ही ये बात सामने आई थी कि वर्ष 2020 के शुरुआती सात माह में विदेशी कर्ज के रूप में पाकिस्तान सरकार को 6.7 अरब डालर प्राप्त हुए हैं। पिछले वर्ष इमरान खान ने सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान में खस्ताहाल हो चुकी स्वास्थ्य सेवाओं का भी जिक्र किया था।
महामारी से बचाने में भारत की भूमिका
गौरतलब है कि भारत भी पूरी दुनिया के साथ इस महामारी से जूझ रहा है। लेकिन भारत ने अपने अथक प्रयासों से न सिर्फ इस पर काबू पाया है बल्कि खुद की वैक्सीन को विकसित किया है। इतना ही नहीं वो दुनियाभर में विकसित की गई अधिकतर वैक्सीन का उत्पादन करने में भी मदद कर रहा है। पूरी दुनिया में भारत प्रमुख दवा निर्माता के तौर पर गिना जाता है। इसके अलावा भारत ने अपनी बनाई वैक्सीन को कई देशों को मुफ्त में मुहैया भी करवाया है। इसमें भारत ने पड़ोसी देशों को प्रमुखता दी है। हालांकि इसमें पाकिस्तान का नाम शामिल नहीं है। बावजूद इसके भारत किसी न किसी रूप में पाकिस्तान से भी जुड़ा हुआ है। भारत आगे भी अन्य देशों को स्वदेशी वैक्सीन की सप्लाई करेगा।