उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत शुक्रवार को मसूरी में चाय पर चर्चा कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान हरीश रावत ने एक मिष्ठान भंडार पर पहुंचकर जलेबी भी बनाई। उन्हें ऐसे देख लोग हैरान रह गए।
कार्यक्रम में बाद उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि ग्रामीणों पर लाठीचार्ज की घटना बेहद दुखद है। मुख्यमंत्री ने आंदोलनबाज कहकर महिलाओं और गैरसैंण की धरती का अपमान किया है। मुख्यमंत्री को घाट जाकर माफी मांगकर सड़क निर्माण कार्य शुरू कर प्रायश्चित करना चाहिए।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री ने युवा मैराथन धावक संचित और उनके पिता को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि तेल-गैस के दाम हर दिन बढ़ रहे है, लेकिन सरकार महंगाई को रोकने में नाकाम साबित हुई है। कहा कि वित्तीय प्रबंधन छिपाने के लिए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर केंद्र सरकार अपना खजाना भरने का काम कर रही है और गरीबों की कमर तोड़ रही है।
उन्होंने अपील की कि महंगाई को लेकर कार्यकर्ता सड़क पर उतरें और केन्द्र और राज्य सरकार की गलत नीतियों का विरोध करें। पत्रकारों से बात करते हुए हरीश रावत ने उत्तराखंड के बजट को ख्याली पुलाव बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट से किसी को कोई फायदा नहीं होने वाला।
गैरसैंण कमिश्नरी पर कहा कि गैरसैंण को सरकार ने पहले ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया, लेकिन एक भी दिन मुख्यमंत्री और मंत्री वहीं नहीं बैठे। इस मौके पर पूर्व विधायक जोत सिंह, मनमोहन सिंह, गोदावरी थापली, गौरव अग्रवाल, संदीप साहनी, महेश चंद्र आदि मौजूद रहे।
वहीं, हरीश रावत शनिवार को अपने ही अंदाज में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ने का विरोध जताएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री के मुताबिक इस विरोध प्रदर्शन के तहत वे राजपुर रोड पर कांग्रेस मुख्यालय से लेकर गांधी पार्क तक ऑटो रिक्शा को खींचकर ले जाएंगे। इसके साथ ही वे गैस सिलेंडर को अपने सर पर बोझे की तरह उठाएंगे। रावत का कहना है कि विरोध दर्ज कराने का यह उनका अपना तरीका है और उनकी ओर से किए जा रहे उपवास का हिस्सा है।
रावत ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और इस वजह से महंगाई भी तेजी के साथ बढ़ रही है। विश्व बाजार में तेल की कीमत कम होने के बाद भी सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम को कम करने को तैयार नहीं है। केंद्र के साथ ही राज्य सरकार भी इस तरह से महंगाई को बढ़ाने में हिस्सेदार बनी हुई है। राज्य में पेट्रोल और डीजल पर राज्य टैक्स कम करके लोगों को राहत दी जा सकती है।
इससे पहले भी रावत अपनी तरह से विरोध दर्ज कराते रहे हैं। पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के विरोध में रावत ने इससे पहले बैलगाड़ी यात्रा भी निकाली थी। इसके अलावा उन्होंने पेट्रोल पंप पर भी प्रदर्शन किया। कांग्रेस मुख्यालय की ओर से भी पूर्व मुख्यमंत्री के इस विरोध प्रदर्शन की जानकारी दी गई है।