बहादराबाद
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बसपा पूंजीपतियों के दम पर नहीं, अपने कार्यकत्र्ताओं की मेहनत से चुनाव जीतती है। इस दौरान उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में आने के बाद उनकी चाल और चरित्र दोनों ही बदल जाता है। इस दौरान उन्होंने भावनात्मक अपील करते हुए चुनाव में काशीराम और बाबा साहेब आंबेडकर की भावनाओं को ध्यान में रखकर वोट करने की अपील की। मायावती ने भाजपा और कांग्रेस को मंच से ललकारते हुए उत्तराखंड की बदहाली के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया।
गुरुवार को बसपा सुप्रीमो ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र स्थित कोर कालेज के मैदान में आयोजित जनसभा में उत्तराखंड विस चुनाव की अपनी जनसभा को संबोधित करते हुए पुराने तेवर में नजर आईं। इस दौरान पहाड़ पर हाथी चढ़ाने की कोशिश में कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के पहाड़ी जिलों के निवासियों को भी रिझाने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में उप्र में जब-जब बसपा सरकार बनी, उन्होंने खाली पड़ी सरकारी जमीनों को मैदानी क्षेत्रों सहित गढ़वाल और कुमाऊं के भूमिहीनों को देने का काम किया। इसके विपरीत विपक्षी दलों की सरकारों ने विकास के नाम पर उत्तराखंडवासियों को ठगने और लड़ाने का काम किया। वो आमहित की जगह विशेष व्यक्तियों के हित की बात करते हैैं।
सरकार में आते ही विपक्षी दल अपनी छवि चमकाने का काम करने लगते हैैं। हर नीति और हर कार्यक्रम पूंजीपतियों को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। राजनीतिक पार्टियां अपने हित साधने के लिए आपसी सौहार्द और सामाजिक भाईचारे को खत्म कर जनता को आपस में लड़ाने और सामाजिक भेदभाव पैदा करने का काम करती हैैं। कहा कि बसपा देश और जनता को जाति-धर्म के आधार पर नहीं बांटती, बल्कि आपसी प्रेम विकसित कर जन सहयोग की भावना को विकसित करते हैं। कहा कि उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार ने पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, गरीब, कमजोर वर्ग और आम मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई। बसपा की इस चुनावी जनसभा में हरिद्वार जिले के सभी 11 विधानसभाओं के प्रत्याशियों ने अपनी ताकत दिखाई। जनसभा के मंच पर पहुंचने पर उत्तराखंड बसपा कार्यकारिणी ने बसपा सुप्रीमो मायावती को स्मृति चिह्न के तौर पर हाथी भेंटकर उनका स्वागत किया।