नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार किया है। उन्होंने शनिवार को चीन-भारत सीमा तनाव को लेकर प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि वह अपने पड़ोसी देश से ‘डरे हुए हैं।’
उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध से पहले चीन ने ‘डोकलाम में इस विचार को आजमाया (2017 में) था।’ पूर्वी लद्दाख में सैनिकों, हथियारों एवं अन्य सैन्य साजो-सामान की पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारे से वापसी के साथ पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से चीन ने हमारे देश के कुछ सामरिक इलाकों पर कब्जा किया है। इस विचार को पहले उन्होंने डोकलाम में आजमाया।’
उन्होंने कहा, ‘वह देखना चाहते थे कि भारत क्या प्रतिक्रिया देता है और उन्होंने देखा कि भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और फिर उन्होंने इस विचार को लद्दाख में आजमाया और मेरा मानना है कि उन्होंने अरूणाचल प्रदेश में भी ऐसा किया होगा।’
तमिलनाडु में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अपनी तीन दिवसीय यात्रा में कांग्रेस नेता ने यहां वकीलों से बातचीत की और केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार पर ‘हम दो, हमारे दो’ नारे के साथ कटाक्ष किया।
सीमा पर गतिरोध के बारे में गांधी ने कहा कि चीन की घुसपैठ पर मोदी की पहली प्रतिक्रिया थी कि ‘भारत में कोई नहीं घुसा है।’ उन्होंने कहा, ‘इससे चीन को यह संकेत गया कि भारत के प्रधानमंत्री उनसे डरे हुए हैं। चीन को उन्होंने यही संदेश दिया कि वह उनसे डरे हुए हैं और चीनी यह बात समझ गए।’
उन्होंने कहा, ‘और तभी से चीन ने इसी सिद्धांत पर बातचीत की है।’ गांधी ने आरोप लगाया, ‘वह जानते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री उनका विरोध नहीं कर पाएंगे। मेरे शब्दों को लिख लीजिए, देपसांग में हमारी जमीन अब इस सरकार के कार्यकाल में वापस नहीं लौट सकती है।’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री जमीन वापस नहीं ले पाएंगे। वह बहाना करेंगे कि हर चीज का समाधान हो गया है, लेकिन भारत उस क्षेत्र को खोने जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि चीन को इस तरह का संदेश देना भविष्य के लिए काफी खतरनाक है क्योंकि चीन केवल लद्दाख तक ही नहीं मानने जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार ‘चीन से बेझिझक निपटती थी।’